Monday, February 21, 2011

आमद

लो मै आ गया....


ये तो होना ही था। आज़म खान की वापसी से जहाँ मुलायम सिंह काफी गदगद हैं वहीँ लोकमंच के मुखिया अमर सिंह काफी आहात। न जाने कब मुह खोलेंगे अमर सिंह, धमकी खूब देते हैं। अंधे को क्या चाहिए बस दो आँखें। आज़म खान के आने से नेता जी काफी उत्साहित हैं, चेहरा खिल गया है,खिसकते मुस्लिम वोट की आस बढ़ी है। कसीदे पढ़े जा रहे हैं, पुरानी दोस्ती का हवाला दिया जा रहा है, मगर क्या गुल खिलेगा चुनाव में देखना है। पेश है बुलंद इंडिया मैगज़ीन के दिसम्बर 2010 में प्रस्तुत मेरा आलेख....

1 comment:

  1. अच्छा लिख रहे है आप, इस धार को बनाये रखें.

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