Monday, February 21, 2011

मांग

पूर्वांचल राज्य से कम बर्दास्त नहीं- अमर सिंह
  • एम अफसर खान सागर


अमर सिंह और मनोज तिवारी इस सोच में की कैसे बने पूर्वांचल

अमर सिंह का लोकमंच और पूर्वांचल राज्य। कई मामले में अनूठा है। राजनेताओं को मुद्दा चाहिए जो कि सियासत का शगल है। पूर्वांचल की दर्द; गुरबत और बेकारी का दर्द ओढ़े अमर सिंह पूर्वांचल स्वभिमान पदयात्रा के जरिए लोगों को उनके बदहाली का एहसास दिलाने निकले हैं। छः दशक पहले भी सासद वियवनाथ गहमरी ने पूरब का दर्द बयान करते संसद में रो दिया था। दर्द होता है सबको अपनों का। जातीय राजनीति के लिए बदनाम यू. पी. मे एक नये ताने-बाने के साथ एक नई इबारत लिखने में जीजान से जुटने हैं अमर सिंह। कहां तक कामयाब होगें ये देखना है। कह भी रहे हैं कि मेरे जीवन के दस-पांच साल बचे हैं। यह कदम; यह संासें तब तक रूकेंगी जब तक पृथक पूर्वांचल राज्य न बन जाये। यहां भगवान शंकर बसते हैं बुद्ध बसते हैं कबीर बसते हैं प्रेमचन्द निराला और फिराक बसते हैं। मगर सरकारों की घोर उपेक्षा के चलते यहां गरीबी व बेरोजगारी चरम पर है।


पद यात्रा में अमर सिंह और मनोज तिवारी

सभा को संबोधित करते अमर सिंह

पूर्वांचल स्वाभिमान पदयात्रा में मौजूद लोग

बलिया से चन्दौली तक के पूर्वांचल स्वाभिमान पदयात्रा के दूसरे चरण में अमर सिंह चन्दौली जनपद के धानापुर स्थित शहीद पार्क में अपने उद्गार व्यक्त कर रहे थे। लोगों की उड़ी भीड़ ने उनके हौसले को दुगना कर दिया था। खूब बोले पूरे आधा घण्टा। बीमारी को दरकिनार करके। कुकुरमुत्ते मोहन से बेशर्म मुलायम व सैफई में होने वाले नंगे नाच तक। अमर सिंह ने कहा कि पूर्वांचल बनकर रहेगा चाहे मुझे अपनी जान गवानी पड़े। उद्योग लगेंगे कारखाने लगेंगे। मेरी पदयात्रा कोई चुनावी निशन नहीं यह परिवर्तन यात्रा है। अपने लोगों के अधिकारों को दिलाने की यात्रा। उन्होने कहा कि योजना आयोग से मिले चालीस हजार करोड़ रूपये में पूर्वांचल के हिससे का बीस हजार करोड़ रूपया कहां है। कैसी विडम्बना है कि मायावती 500 करोड़ रूपये बेजान बुतों के लिए दे रही हैं जबकि पूर्वांचल के जिन्दा लाशों के लिए सिर्फ बीस करोड़। अब हम खामोश नहीं बैठेंगे अपने अधिकारों को छीन लेंगे।
पदयात्रा में भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी गीतों के माध्यम से लोगों को पूर्वांचल की कथा-व्यथा बता रहे हैं। राष्टीय प्रवक्ता असगर खां ने पूर्वांचल के लोगों के स्वभिमान को झकझोरा। हजारों की भीड़ के साथ चलते अमर सिंह का हौसला दुगना। हर हाथ उठता है तो पूर्वांचल के नाम पर। साथ में चल रहे प्रदेश प्रभारी अरविन्द सिंह सुशील रघुवंशी कमला यादव विजेनद्र सिंह समेत लोगों का काफिला पृथक पूर्वांचल राज्य के गठन के लिए जोश से लब्बो लुआब देखा जा सकता है। अमर सिंह कह भी रहे हैं कि-

हम तो दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा।

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