विकास का असली चेहरा...
ये भिखारन कटोरा फैला कर बता रही है भारत के विकास का असली चेहरा।
इस उम्र में भी दूसरों के आगे हाथ फैलाना पद रहा है क्यूंकि ये है विकास का असली नक्शा।
क्यूँ चाचा क्या सोच रहे हो, शायद ...
कभी खुद पर, कभी हालत पे रोना आया,
बात निकली तो हर एक बात पे रोना आया।
ये बच्ची यही सोच रही होगी कि...
मेरे घर कोई ख़ुशी आती तो कैसे आती,
उम्र भर साथ रहा महाजन कि तरह।।
देश काफी विकास कर रहा है। भ्रष्टाचार, बलात्कार, घोटाला और गरीबी बेतहासा बढ रही है। दाल-रोटी के लाले पड़ना शुरू होगया है।फिर भी...
हमारा मुल्क विकास के तेज़ रफ़्तार वाली ट्रैक पर है। शायद विकास का पैमाना सरकारों पे पास कोई और है।
आपसे बातें होती रहेंगी। गुस्ताखी और गुनाह के लिए माफ़ी चाहते हुए...
आपका अपना...
एम अफसर खान सागर
मेरे घर कोई ख़ुशी आती तो कैसे आती,
ReplyDeleteउम्र भर साथ रहा महाजन कि तरह।।
...बहुत मार्मिक चित्रण..काश कि सरकार की निगाहें इन पर भी पड़ें.
शुभकामनायें आपको !!
ReplyDeletebahut khub.... maan gaye guru... plz visit my blog
ReplyDeletehttp://katiharlive.blogspot.com/